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दमोह। एक ओर जहां पूरे जिले में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वही जिले के ऐसे भी कुछ गांव है जो कोरोनावायरस से पूरी तरह अछूते और बचे हुए हैं। ऐसी महामारी के दौर में पढ़े-लिखे लोगों की बस्ती से दूर ऊपर पहाड़ पर स्थित जबेरा जनपद की 1 ग्राम पंचायत कलूमर है। जिसमें रहने वाले 7 गांव के आदिवासी समुदाय के करीब 2000 की बस्ती वाले सभी लोग अपनी जागरूकता और शुद्ध जीवन यापन की बदौलत इस महामारी से दूर है। ऐसे में इनकी सराहना करना लाजमी होगा। जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने भी जंगली क्षेत्र के ग्राम भैंसा, सांवरा, तावरा, कलूमर, अलोनी, ताला और जलहरी में रहने वाले इन गांववालों की जीवन शैली की सराहना करते हुए यहां काम कर रहे ग्राम पंचायत के सचिव लालचंद राय और रोजगार सहायक निशांत विश्वकर्मा समेत ग्राम पंचायत की सरपंच वंदना सिंह की खुलकर तारीफ की है, उन्होंने कहा है कि ऊपर पहाड़ पर रहने वाले ग्रामीण कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए अपने परिवारों को इस महामारी से बचा पा रहे हैं। श्री चैतन्य ने यहां काम कर रही सरकारी मशीनरी की भी तारीफ की। ग्राम पंचायत के सचिव लालचंद राय ने बताया कि समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी ग्राम पंचायत में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करती है और हम लोग भी लोगों के संपर्क में रहकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेकर प्रशासन को अवगत करा रहे हैं। रोजगार सहायक निशांत विश्वकर्मा ने बताया कि अभी तक हमारी पंचायत के सातों गांव में कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। करीब 14 महीने से चल चल रही इस महामारी के दौर में आदिवासी क्षेत्र के लोगों का अपना रहन-सहन और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जिलेवासियों के लिए एक उदाहरण का काम कर रही है। ग्राम पंचायत कलूमर के लोगोंं ने अपने-अपने गांव की सीमाओं पर स्वयंं ही प्रतिबंध लगाकर रखा हैै, यही कारण है कि दूसरेे लोगों का आवागमन इनके गांव में नहीं हो पा रहा है और कोरोनावायरस इनसे कोसों दूर है।

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