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दमोह। 17 अप्रैल के पहले तक उपचुनाव के दौरान बड़ी-बड़ी डींगे मारकर दमोह को मेडिकल कॉलेज और विकास के सपने दिखा रहे भाजपा और कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता राहुल सिंह और अजय टंडन कोरोना काल की ऐसी विकट परिस्थिति में भी अपने-अपने घरों में दुबके पड़े हैं और कोरोनावायरस अपना तांडव मचा रहा है। लगातार बढ़ते कोरोना के मरीज प्रतिदिन अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं लेकिन विकास और मेडिकल कॉलेज की झूठी बातें करने वाले दोनों नेता अपने-अपने घरों में दुबके पड़े हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुए कांग्रेस नेता अजय टंडन को विकास की इतनी चिंता थी कि वे पॉजिटिव होने के बाद भी लोगों को दमोह विकास का पाठ पढ़ाते रहे, दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह के दल बदलने के कारण दमोह चुनाव हुआ और उनके समर्थन में आए सैकड़ों बाहरी नेताओं ने दमोह में जमकर संक्रमण फैलाया। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता रहा। 15 अप्रैल को 140 मरीज मिलने के बाद कोरोना का विस्फोट हुआ और लगातार कोरोना मरीजों की मौत होती गई और अभी प्रतिदिन आधा दर्जन से अधिक मौतें हो रही है वहीं 1 सैकड़ा से अधिक मरीज प्रतिदिन पैदा हो रहे हैं। इस सब के बावजूद भी राहुल सिंह और अजय टंडन अपने घरों में छुपे बैठे हैं जबकि 4 दिन पहले तक दमोह के लोगों की वोट पाने के लिए मेडिकल कॉलेज और विकास की डींगे मार रहे थे। आज दमोह जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं डगमगाई हुई है, ऑक्सीजन की कमी है इंजेक्शन मिल नहीं रहे हैं, अस्पताल में बिस्तरों का अभाव है, टेस्ट रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रही है मरीजों को समुचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। लेकिन इन सब चिंताओं से दूर कांग्रेस और भाजपा के लगभग सभी वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे दमोह में मौत का तमाशा देख रहे हैं। दमोह की जनता आने वाले समय में इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

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