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दमोह। वर्ष 2021 में दमोह विधानसभा में हुए उपचुनाव के बाद टीम सिद्धार्थ मलैया अर्थात टीएसएम अस्तित्व में आई और तब से अब तक भाजपा अपने किसी भी मोर्चे में सफल नहीं हो पाई। पहले नगर पालिका चुनाव में टीएसएम ने पांच वार्डो पर कब्जा करके भाजपा के समीकरण बिगड़े और अध्यक्ष बनने के सपने को चकनाचूर कर दिया। उसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी टीएसएम ने अपनी टांग अड़ाई और रातोंरात समीकरण बदलकर भाजपा से कांग्रेस के हो चुके राघवेंद्र सिंह ऋषि भैया को टीएसएम की ओर से खड़ा कर दिया। यहां अध्यक्ष पद तो दूर की बात भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी तक नहीं करने दी। भाजपा से बागी हुए सिद्धार्थ मलैया ने एक के बाद एक भाजपा काबिज वाली संस्थाओं पर भी कांग्रेस का झंडा लहरवा दिया। टीएसएम के जरिए सिद्धार्थ मलैया ने अपनी खूब ताकत दिखाई और भाजपा को बता दिया कि उनके ना रहते हुए पार्टी दमोह में कभी अपना वर्चस्व नहीं बना पाएगी। आखिरकार पार्टी हाई कमान ने निर्णय लेते हुए सिद्धार्थ मलैया और उनकी टीम को एक बार फिर से भाजपा में वापसी करवाई और अब लगातार जनता के संपर्क और राजनीतिक अखाड़े में संघर्ष करने वाले सिद्धार्थ मलैया बीजेपी से टिकट लेकर अपने पिता जयंत मलैया की विरासत को आगे बढ़ने का सपना संजोए हुए आगे बढ़ रहे हैं।

विधानसभा चुनाव सिर पर है और सिद्धार्थ जयंत मलैया की दावेदारी प्रबल रूप से देखने को मिल रही है। ऐसे में पिछले उपचुनाव में राहुल सिंह के प्रति जनता की नाराजगी और मलैया जी की कृपा से ढाई साल विधायक रहने वाले अजय टंडन से उनका मुकाबला हो सकता है, हालांकि अजय टंडन को जयंत मलैया दो विधानसभा चुनाव में पटकने दे चुके हैं। ऐसे में यदि सिद्धार्थ मलैया को टिकट मिलती है, तो अजय टंडन से उनका मुकाबला दिलचस्प रहेगा।

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