दमोह।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने बताया कि जिले में डेंगू के 18 केस संज्ञान में आये हैं, सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखी जा रही है, बचाव के समुचित उपाय विभाग द्वारा किये जा रहे हैं। डॉ. त्रिवेदी ने आमजनों से अपील करते हुये कहा कोई भी बुखार डेंगू हो सकता है, बुखार होने पर ब्लड की जांच अवश्यक करायें। चिकित्सक द्वारा दिये गये परामर्श अनुसार समुचित उपचार लें।
उन्होंने बताया डेंगू के फैलाव को रोकने, त्वरित रूप से नियंत्रण करने 15 सितंबर से डेंगू पर प्रहार महाभियान का संचालन भी किया जा रहा हैं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने नगरपालिका के स्वास्थ्य निरीक्षक, सुपरवाईजर एवं मलेरिया कार्यालय से जुडे स्वास्थ्य कर्मचारियों की जिला प्रशिक्षण केन्द्र जटाशंकर बीडी कॉलोनी में समन्वित बैठक में अहम निर्देश दिये। नगरपालिका के कर्मचारियों को लार्वा के सेंपल भी दिखाये गये, डेंगू पर नियंत्रण के लिये नियमित रूप् से फोगिंग कराने घरों में सर्वे दौरान इनकी पहचान कर लार्वा का विनिष्टिीकरण त्वरित रूप से किये जाने के निर्देश भी दिये।
डॉ. त्रिवेदी ने डेंगू के लक्षणों के बारे में बताया कि बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों एवं जोडों में दर्द अथवा शरीर पर लाल दाने दिखाई देने पर निकट के चिकित्सक को अवश्य दिखायें। साथ ही महाभियान दौरान संवेदनशील क्षेत्रों एवं डेंगू प्रभावित ग्राम में घरों में दस्तक देकर लार्वा की पहचान एवं विनिष्टिीकरण हेतु रखी जाने वाली सावधानियां एवं बारीकियों से अवगत कराया। आमजनों को डेंगू से बचाव की जाने वाली जागरूकता गतिविधियों के बारे में जानकारी को साझा भी की गई।
इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी यामिनी सिलारपुरिया भी मौजूद रहीं। बैठक के दौरान डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है, घरों में सर्वे दौरान देखें कि छत की नालियों घर एवं आस.पास अनुपयोगी सामग्री बर्तनों, टायरों इत्यादि में पानी का जमाव तो नहीं है। पानी का जमाव पाये जाने पर लार्वा का विनिष्टिीकरण किया जायें। इस अवसर पर लोगों को समझाईश भी दें कि सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। पानी के सभी बर्तनों टंकी इत्यादि को अच्छे तरह से ढंककर रखें। एक सप्ताह या अधिक दिन से एकत्रित पानी की निकासी कर, धोकर, सुखाकर ही उपयोग में लायें। मच्छरों से बचाव के लिये फुल अस्तीन के कपडे पहनें। घरों के आस.पास के गड्डों में कैरोसीन या जला हुआ ऑयल डालें।
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