दमोह। लगातार बढ़ते कोरोनावायरस के कहर से बमुश्किल रोक पाने में सफल होते जा रहे जिला प्रशासन पर शहर के कुछ जागरूक युवाओं ने प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। इन युवाओं ने जिला प्रशासन से पूछा है कि लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों के बाद जब कोरोनावायरस काफी हद तक कंट्रोल में आया है, ऐसी स्थिति में राजनीतक दलों को भीड़ भरी रैलियां करने की अनुमति क्यों दी जा रही है, क्या इन रैलियों से कोरोनावायरस नहीं फैलेगा? एक ओर जहां जिला प्रशासन द्वारा बाजार खोलने के लिए आनाकानी करके अनुमति दी जाती है, वही भीड़ रोकने के प्रयास कर रहे जिला प्रशासन को राजनीतिक रैलियों से क्यों परेशानी नहीं है। शनिवार को शहर के अनेक युवाओं ने जिला प्रशासन से यह प्रश्न पूछा है। साथ ही शुक्रवार को हुई कांग्रेस कांग्रेस की भीड़ भरी रैली पर भी प्रश्नचिन्ह उठाया है। युवाओं ने कहा है कि महंगाई के विरोध में कांग्रेस की रैली में सैकड़ों कांग्रेसी शामिल थे, जिस पर जिला प्रशासन में कोई कार्यवाही नहीं की। यदि प्रशासन ने कांग्रेस की रैली को अनुमति प्रदान की है तो वह किस आधार पर दी है और यदि अनुमति नहीं दी गई है तो क्यों ना सभी कांग्रेसियों पर कोरोनावायरस की गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला दर्ज कर कार्यवाही की जावे। कोरोनावायरस काल में राजनीतिक रैलियों को अनुमति देने के खिलाफ नित्या प्यासी, श्रवण पाठक, दीपक सोनी, दीपक नेमा, ब्रजेंद्र तिवारी, राजुल चौराहा, अर्पित मिश्रा ने थाना प्रभारी के नाम सब इंस्पेक्टर श्याम वैन को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है.।