हटा हटा (संजय जैन की खास रिपोर्ट)
संत कहते है बेटी का जन्म सौभागयशाली होता है साथ ही बेटी का लालन पालन करना किसी संत की तपस्या से कम नहीं होता है, यही साबित हुआ मगरोन में एक गरीब बेटी के विवाह आयोजन में, जहां पूरा पुलिस महकमा घराती बनकर बारातियों के स्वागत सत्कार में लगे रहे, तो जिला के पुलिस कप्तान राकेश सिंह, एसडीओपी वीरेन्द्र बहादुर सिंह ने भी इस विवाह आयोजन में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।
दमोह जिला के मगरोन थाना परिसर के सामने चतरे अठिया अपनी चाय की गुमटी चलाता है, चतरे के दो बेटा एवं एक बेटी है, चतरे की पत्नी का कई वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया था, चाय दुकान व मजदूरी के माध्यम से घर का गुजर वसर चल रहा, बच्चे बडे हुए तो उनके विवाह की चिंता सताने लगी, रिस्तेदारो व सहयोगियो के माध्यम से बेटी दुर्गा का शादी संबंध सुरखी करैया मे तय कर दिया गया।
शादी कि तिथि भी तय हुई, विवाह नजदीक होने के कारण बेटी का विवाह करने में उसे लगा कि संबंध टूट न जाये, आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के कारण शादी कि ब्यवस्था करने मे असमर्थ था।
गरीब बेटी के विवाह की असमर्थता कि जानकारी मगरोन बासियों व पुलिस महकमा को मिलने पर सभी ने आगे आकर इस शुभ काम करे पूरा करने का बीड़ा उठाया, थाना मगरोन के आवासीय परिसर मे ही शादी का आयोजन करने का निर्णय लिया और सम्पूर्ण व्यवस्था अपने जिम्मेदारी पुलिस विभाग ने ली,
विवाह आयोजन में पुलिस परिवार के साथ गांव के गणमान्य नागरिक, प्रेस, समाजसेवियों को भी आमंत्रण भेजा गया, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह, हट्टा एसडीओपी वीरेंद्र बहादुर सिंह, बटियागढ़ टीआई मनीष मिश्रा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू कटारे सहित बडी संख्या में लोग विवाह आयोजन में पहुंचे, बारातियों सहित सभी का स्वागत सम्मान हुआ।
दुल्हा को जनवासा से गाजे बाजे के साथ पुलिस वाहन हुटर बजाते हुए विवाह स्थल तक लाया गया, जहां वरमाला के साथ सभी द्वारचार व नेग दस्तूर हुए, बेटी के विवाह में दिये जाने वाली सारी उपहार सामग्री प्रदान की गई, पास ही में रहने वाले वृद्ध दम्पति खंडी सिंह-केरा बाई लोधी के द्वारा बेटी का कन्यादान लिया गया, पुलिस कप्तान ने स्वयं इस विवाह आयोजन की कुछ फोटो अपने मोबाईल में ली।
पुलिस विभाग के इस कार्य की सारे क्षेत्र में भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।