दमोह। आज जिलेभर में युवाओं के प्रेरणा स्रोत बन चुके बटियागढ़ क्षेत्र के 36 वर्षीय निर्दलीय युवा धर्मेंद्र कटारे ने अपने साहस और कार्यकुशलता की दम पर पत्थर में से पानी निकालने की कहावत को सच कर दिखाया है। पथरिया विधानसभा क्षेत्र में एकाएक उभर कर आए इस युवा चेहरे के बारे में सब कुछ जानने के लिए सभी इच्छुक हैं। गत दिवस संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच से लेकर जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला सदस्य और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण और शीर्ष पदों पर धर्मेंद्र कटारे ने अपनी कार्यकुशलता का परचम लहराया है।
इसकी शुरुआत उन्होंने कुछ वर्ष पहले पंचायत विभाग में रोजगार सहायक के पद पर नियुक्त होकर की थी। समाजसेवा को अपना लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने वाले युवा निर्दलीय धर्मेंद्र कटारे ने इसी चुनाव में सबसे पहले बटियागढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत शहजादपुरा से अपने छोटे भाई नरेंद्र कटारे को निर्विरोध सरपंच बनाया। इसके बाद धर्मेंद्र कटारे की बहन श्रीमती लक्ष्मी चौबे भी अपने भाई के समाजसेवी कार्यों की दम पर ही सिंगपुर की सरपंच बनी। तत्पश्चात मगरोन जिला पंचायत क्षेत्र मे भाजपा और कांग्रेस की समर्थित प्रत्याशियों को हराकर धर्मेंद्र कटारे की धर्मपत्नी डॉ मंजू देवलिया रिकॉर्ड मतों से जीत कर जिला पंचायत पहुंची। इसके बाद धर्मेंद्र कटारे ने अपने मैनेजमेंट की दम पर बटियागढ़ जनपद के सभी सदस्यों को साथ में रखकर बटियागढ़ जनपद पंचायत का अध्यक्ष बनाया और अपने पुराने साथी को ही उपाध्यक्ष के पद पर बैठाया।
इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी धर्मेंद्र कटारे ने किंगमेकर की भूमिका निभाई। अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर निर्दलीय जिला सदस्य होने के बावजूद 8 सदस्यों का बहुमति लेकर अपनी धर्मपत्नी डॉ मंजू देवलिया को जिला पंचायत का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया। इस प्रकार एक युवा समाजसेवी ने अपने मृदुभाषी स्वभाव और साहस की दम पर दमोह जिले के इतिहास में पहली बार एक नया चेहरा लेकर बिना किसी पार्टी संगठन की दम पर स्वयं ही पंचायत विभाग के 6 महत्वपूर्ण पद पर परचम लहराने का उदाहरण पेश किया है।