दमोह। 15 सदस्यों वाली जिला पंचायत मे 12 सीटों पर महिला प्रत्याशियों के विजई होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष पर भी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित महिला विजेता को ही विराजमान होना है। ऐसे में 8 सदस्यों का बहुमत होना बहुत जरूरी है। लेकिन फिलहाल कांग्रेस और भाजपा इस जादुई आंकड़े से दूर नजर आ रही है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर निर्दलीय सदस्य निर्णायक की भूमिका में आ गए हैं, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा के पास 4-4 जिला पंचायत सदस्य विजेता के रूप में मौजूद है, ऐसी में दोनों दलो को अध्यक्ष बनाने के लिए सात निर्दलीय सदस्यों में सेंध लगाना जरूरी हो गया है। इनमें कांग्रेस के सदगुवा से रंजीता गौरव पटेल, केरबना से विनीता बृजेंद्र सिंह, नोहटा से जमुना बाई देशराज ऋषि भैया और जबेरा से रजनी ठाकुर विजय होकर आई है। वही भाजपा के बांसा तारखेडा से लक्ष्मीबाई संतोष अठया, टिकरी बुजुर्ग से रीना रानी धर्मेंद्र पटेल, हर्रई से जानकी चंद्रभान सिंह और बनगांव से उर्मिला बलराम पटेल लंबरदार ने विजय हासिल की है, जबकि निर्दलीयों की कतार लंबी है। इनमें अभाना से दिरगपाल सिंह, किशुनगंज से अशोक रानी अहिरवार, इमली डोल से बबीता सिंह, रनेह से मनीष तंतुवाए, कुम्हारी से चंदन सिंह, मगरोन से डॉक्टर मंजू देवलिए धर्मेंद्र कटारे और मडियादो से मोहिनी अभिषेक जैन के नाम शामिल है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में भाजपा या कांग्रेस में से कौन सा दल सबसे अधिक निर्दलीयों को अपने पाले में लाकर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा जमाता है।