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दमोह। गत दिवस सागर के रविंद्र भवन में स्वराज संस्थान भोपाल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय जनयोद्धा नाट्य समारोह के समापन अवसर पर दमोह के युवा नाट्य मंच के कलाकारों ने “बुंदेला विद्रोह 1842” के नाटक का जीवंत मंचन करके दर्शकों का मन मोह लिया। रंगकर्मियों की प्रस्तुति से रविंद्र भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। नाटक का निर्देशन राजीव अयाची ने किया। होनहार कलाकारों ने 18 57 के स्वतंत्रता संग्राम के 15 वर्ष पहले 1842 में शुरू हुए बुंदेलखंड विद्रोह को दिखाया। बुंदेलखंड के राजा हृदयशाह लोधी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित नाटक “बुंदेला विद्रोह 1842” की रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्यों को दिखाया गया।


बुंदेला विद्रोह 1842 का सागर में हुआ मंचन
रंगमंच के क्षेत्र में अग्रणी संस्था युवा नाट्य मंच दमोह द्वारा स्वराज संस्थान भोपाल द्वारा आयोजित जनयौद्धा नाट्य समारोह में राजीव अयाची द्वारा निर्देशित नाटक बुंदेला विद्रोह 1842 का मंचन रवींद्र भवन सागर में किया गया।


नाटक में राजा हिरदेशाह -अनिल खरे, सूत्रधार1 .राजीव अयाची, सूत्रधार 2.दीक्षा, कैप्टन स्लीमन -शिवानी बाल्मीक, अंग्रेज अफसर-दानिया खान, अंग्रेज सैनिक और गांववाले -आलिया खान, तनीषा खरे, वैष्णवी चौरसिया, सानिध्य खरे, अनुनय श्रीवास्तव, कोरस एवंम विभिन्न भूमिकाओं में – हरिओम खरे,अथर्व खरे, वेदांत अयाची, नयन खरे, पारस गर्ग ,देवांश राठौर ,देवांश राजपूत ,प्रियांशु अयाची ,ध्रुव राय ,अभिनव श्रीवास्तव, महेंद्र पटेल ,अहकाम खान, संगीत , संयोजन- रवि बर्मन ,ढोलक देवेश श्रीवास्तव, ड्रम- राजेश श्रीवास्तव, अक्षत रैकवार, स्वर -लक्ष्मीशंकर सिंह रघुवंशी,दीक्षा सेन,महेंद्र पटेल,राजीव अयाची, प्रकाश संयोजन-संजय खरे, वस्त्र विन्यास -अमृता जैन,प्रिंस चौरसिया, रूपसज्जा-अनिल खरे, मंच सामग्री सहायक, राजबहादुर अग्रवाल,हेमेंद्र चंदेल की भूमिका रही।

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