दमोह। इन दिनों दमोह नगर पालिका चुनाव में टिकट की मारामारी जोरों पर चल रही है, लेकिन दमोह भाजपा में एक गुट ऐसा भी है जो इन दिनों चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में पिछले उपचुनाव की तरह नगर पालिका चुनाव में भी भाजपा को कहीं मुंह की ना खाना पड़े। एक ओर जहां पार्षद टिकट के इच्छुक नए और पुराने भाजपाई जिला अध्यक्ष से लेकर प्रभारी मंत्रियों के बंगलों की खाक छान रहे हैं। वही मलैया समर्थक अनेक भाजपाई पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। मलैया गुट के कई पुराने वरिष्ठ भाजपाई इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जबकि स्थिति यहां तक बन चुकी है कि अनेक वर्तमान भाजपा मलैया समर्थक पार्षद इस बार पालिका चुनाव की टिकट लेने से कन्नी काट रहे हैं और कई नेता और कार्यकर्ता ऐसे भी हैं जो पिछली नगर पालिका चुनाव में टिकट लेने के आतुर थे, लेकिन वे इस बार भाजपा से टिकट न मांग कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। कई वार्डों में भाजपा के लिए स्थिति काफी असमंजस भरी बनी हुई है, जबकि जिला भाजपा अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी में सब एक बराबर है कोई किसी नेता का इस हद तक समर्थक नहीं हो सकता कि वह टिकट लेने से इंकार कर दे। हमारे पास सभी टिकट के इच्छुक नेता-कार्यकर्ता टिकट मांग रहे हैं, लेकिन टिकट किसे देना यह पार्टी तय करेगी। जहां तक किसी गुट के निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होने की बात है तो यह अधिकार सभी को है कि वह चुनाव लड़ सकता है। बाहरहाल प्रीतम सिंह इन दिनों दमोह नगर पालिका चुनाव की टिकट वितरण प्रक्रिया में काफी व्यस्त है। लेकिन वर्तमान में दमोह भाजपा में जो भीतरी द्वंद चल रहा है उसके जिम्मेदार प्रमुख रूप से वर्तमान में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त राहुल सिंह लोधी ही हैं क्योंकि उनके भाजपा में आने के बाद से ही मलैया समर्थक खफा और नाराज चल रहे हैं। इसी का नतीजा था कि पिछले उपचुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों 17000 से भी अधिक वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा था और यदि यही स्थिति नगर पालिका चुनाव में रही तो कांग्रेसी यहां भी हाथ मार ले जाएगी।